विश्वभर में हिंदी भाषियों के द्वारा आज को विशेष दिन के तौर पर मनाया जाता हैं .हिंदी न सिर्फ़ भारत में ही बोली जाती हैं बल्कि अन्य देशों जैसे इग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के कई देशों में भी इस भाषा को बोलने वालो कि अच्छी खासी संख्या हैं.
हिंदी भाषा का विकास -:
हिंदी भाषा के विकास का इतिहास लंबा हैं. भाषाविद 1000 ई से आधुनिक भारतीय भाषा का इतिहास मानते हैं.प्रसिद्ध कवि राहुल सांकृत्यायन ने भी हिंदी का विकास 1000 ई माना है.हिंदी भी आधुनिक आर्य भाषा हैं जिसका जन्म संस्कृत, पालि, प्राकृत से होते हुए अपभ्रंश से हुआ है.सम्भवतः प्राकृत की अंतिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिंदी भाषा का आविर्भाव मन जाता हैं.कुछ विद्वानों ने अपभ्रंश और हिंदी के बीच अवहट्ट भाषा की स्थिति बताई है।विद्वान कवि चन्द्रधर शर्मा ने अवहट्ट को पुरानी हिंदी नाम दिया हैं.
हिंदी पत्र-पत्रिकाओं का भी हिंदी के विकास में अहम योगदान रहा हैं. 30 मई 1826 को प.युगल किशोर ने ‘उदंत मार्त्तण्ड’ नामक पत्र कलकत्ता से हिंदी भाषा में प्रकाशित किया.इन्हें हिंदी पत्रकारिता का जन्मदाता माना जाता है.इसके बाद बंगदूत, प्रजामित्र,बनारस अखबार,समाचार सुधावर्षण आदि पत्रिकाओं ने भी हिंदी के विकास में अहम भूमिका निभाई.
हिंदी दिवस की खास बातें-:
-14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 से अनुच्छेद 351 के रूप में जो क़ानून बना उसमें हिंदी को राष्ट्रभाषा नही राजभाषा का दर्जा मिला.
– तभी 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई
-1960 के दशक में गैर हिंदी भाषी राज्यो में हुई कई हिंसक झड़पो के बाद देश की संसद ने देश की एक राष्ट्रभाषा के विचार को त्याग दिया.
-पिछली जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि भारत के 43.63 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं.
वही आज हिंदी भाषी क्षेत्रों मे बड़े धूमधाम से हिंदी दिवस मनाया गया. बक्सर में अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा की उपस्थिती में कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें ” वर्तमान परिप्रेक्ष्य-हिंदी की प्रासंगिकता “विषय पर विचार गोष्ठी रखी गई .अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि हिंदी को हमे मुख्य भाषा के रूप मे रखने की जरूरत हैं और इसे हमेशा बोलचाल में शुद्धता रखने से उसका स्पष्ट अर्थ हम समझ पाएंगे साथ ही इसका विकास भी होगा.आनेवाली पीढ़ियों को भी इसको समझने में मदद मिलेगी.
कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी बक्सर दीपचंद जोशी ने भी हिंदी की प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रस्तुत किए.कार्यक्रम में सभी कार्यालय कर्मी मौजूद थे .