यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी ,(tubercle bacillus ) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है.क्षय रोग आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं. यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय टीबी संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं.ज्यादातर संक्रमण स्पर्शोन्मुख और भीतरी होते हैं, लेकिन दस में से एक भीतरी संक्रमण, अंततः सक्रिय रोग में बदल जाते हैं, जिनको अगर बिना उपचार किये छोड़ दिया जाये तो ऐसे संक्रमित लोगों में से 50% से अधिक की मृत्यु हो जाती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और बिल व मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन एक नये और तेजी से काम करने वाले निदान परीक्षण को, कम और मध्यम आय वाले देशों में उपयोग किये जाने के लिये सब्सिडी प्रदान रहे हैं.2011 में संसाधन से गरीब कई स्थानों पर अभी भी केवल थूक माइक्रोस्कोपी का उपयोग किया जाता है.
2010 में, पूरी दुनिया में भारत में टीबी के सबसे अधिक मामले थे, इसके कारणों में एक निजी स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में खराब रोग प्रबंधन है. संशोधित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम जैसे कार्यक्रम, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने वाले लोगों में टीबी स्तर कम करने में सहायता प्रदान कर रहे हैं.
इसी क्रम आज बक्सर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इटाढ़ी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें टीबी रोग से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए सार्वजनिक प्रयास की पहल भी की गई जिसमें बक्सर के प्रतिष्ठित समाजसेवी मिथलेश पाठक के द्वारा टीबी पीड़ितों के बीच पोषण किट का वितरण किया गया जिससे इस रोग से पीड़ित अपना भरण पोषण करेंगे और न सिर्फ इसी क्षेत्र में बल्कि हमारी सेवा की जरूरत जब किसी को होगी हम उनके लिए हमेशा हाजिर रहेंगे.मरीजो के लिए खुशी की लहर उस हुई जब मिथलेश पाठक के द्वारा यह कार्य उनको गोद लेने का आजीवन संकल्प लिया गया यह अपने मे एक बड़ी बात हैं उन्होंने प्रेस वार्ता में बताया कि ऐसे कार्यो में सभी को आगे बढ़कर हिस्सा लेना चाहिए जिससे हमारा देश टीबी मुक्त हो सके. वही उस हॉस्पिटल के वरीय चिकित्सक श्रीनिवासन उपाध्याय ने बताया कि यह पहली बार हुआ कि किसी व्यक्ति ने अजीवन सामुहिक गोद लिया गया हो और हम सबसे अपील करते हैं कि हम सभी को इस पुनीत कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए.
कार्यक्रम को सफल बनाने में संचालन कर्ता के रूप में नागेशदत पांडे,डॉ राकेश राज,इंदु कुमारी,अभिषेक सिन्हा,राहुल कुमार,अजित कुमार इत्यादि का सफल योगदान रहा.