लोग कितने हद तक गिर सकते हैं इसका जीता जागता उदाहरण आज बक्सर में देखने को मिला .एक ऐसी महिला जिसको यह पता नही को उसने क्या पहना हैं और क्या खाया हैं वह अपने पैरों पर ठीक से खड़ी नही हो सकती उसको भी हैवानो ने नही छोड़ा और वह गर्भवती हो गई. मानवता के शर्मसार की यह कहानी कोई नई नही हैं बल्कि ऐसे कई उदाहरण हैं जो भयावह हैं जिनकी व्याख्या करने में रूह कांप जाती हैं.
दूसरी तरफ उसकी यह स्थिति देखते हुए कुछ दिनों पहले समाज के अच्छे लोग जो सदैव सेवा तत्पर रहते हैं वेलोग उस दिव्यांग विक्षिप्त महिला को लेकर सदर अस्पताल गए जिसका इलाज डॉक्टरों की देखरेख में लगभग दो महीने तक चला हालांकि जब प्रसव का समय आया तो उस बच्चे की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों के द्वारा ऑपेरशन करने की नौबत आई लेकिन कुछ ऐसी स्थिति बनी जिससे उस महिला को वहाँ से रेफर करना पड़ा और गोलंबर से नजदीक निजी अस्पताल विश्वामित्र गलोबल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉ राजीव झा ने बताया कि महिला का सफल ऑपरेशन किया गया .जच्चा और बच्चा दोनो ठीक है और उनकी देखरेख 24/7 की जा रही हैं.
हालांकि उस महिला की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं उसी क्रम में समाजसेवी और उद्योगपति मिथलेश पाठक ने आधी रात विश्वामित्र ग्लोबल हॉस्पिटल पहुँचकर उस महिला के इलाज के बारे में जानकारी ली और सारे खर्च देने की बात कही जिससे उसका इलाज बेहतर ढंग से हो सके.
जब हमने इस मामलें पर अनुमंडल पदाधिकारी बक्सर धीरेंद्र मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि इस बारे में हमे जानकारी प्राप्त हुई हैं और उसमें अग्रेतर करवाई कर रहे हैं .
ऐसे मामलें पहली बार नही आया हैं बल्कि देश मे कही न कही रोज ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं जिससे मानवता शर्मसार हुई हैं. देखना यह होगा कि इस विक्षिप्त दिव्यांग महिला और बच्चे का आगे के जीवन के लिए प्रशासन के द्वारा क्या पहल होती हैं.