बिहार सरकार में राजद के कोटे से बने कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार को उनके पद से हटाकर गन्ना मंत्रालय सौंपा गया. विदित हो कि कुछ दिनों पहले विपक्ष के लगातार विरोध के बाद नीतीश सरकार ने यह अहम फैसला लिया है. वही कानून मंत्रालय का पद समीम अहमद को दिया गया है.
पिछले दिनों हुए मंत्रालय के गठन में कार्तिकेय कुमार को राजद कोटे से कानून मंत्री बनाया गया था .उनके खिलाफ कई थानों में केस दर्ज है तो वही कोर्ट का वारंट भी है. हालांकि कोर्ट में अभी तक इन्हें दोषी करार नहीं दिया है .केस चल रहे हैं फैसले आने अभी बाकी हैं.
16 अगस्त को कार्तिकेय कुमार को कोर्ट में पेश होना था लेकिन वे मंत्री पद की शपथ ले रहे थे इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई जिसमें मोकामा थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 1 सितंबर तक कोई कार्रवाई न की जाए. अदालत का यह आदेश 12 अगस्त का है इन आरोपों आरोपों पर कानून मंत्री का पक्ष उनके वकील पत्रकारों के सामने रख चुके हैं.
“मेरे ऊपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. हम कानून का सम्मान करते हैं और जो कानून का आदेश होगा इसका पालन किया जाएगा. केस के बारे में सारी जानकारी चुनावी हलफनामे में दी गई है”
कार्तिकेय सिंह, मंत्री, बिहार सरकार
कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह के समर्थक ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिकेय मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद ‘मास्टर साहब’ कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय शिक्षक थे. वे मोकामा के रहने वाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है.