पटना:
आज बिहार में नए मंत्रिमंडल का विस्तार (Cabinet expansion in Bihar ) किया गया जिसमें लालू यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव समेत 31 मंत्रियों ने राज्यपाल के समक्ष पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
नए मंत्रिमंडल विस्तार में राजद के तरफ से 16 विधायकों ने शपथ ली जबकि जदयू के 11 कांग्रेस के 2 और हम के एक और एक निर्दलीय विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। गृह विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही रहेगा जबकि 2 महत्वपूर्ण विभाग तेजस्वी यादव को मिलने के आसार हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि जदयू के पास जो मंत्रालय थे उनमें कुछ फेरबदल किया गया है जबकि जो मंत्रालय बीजेपी के पास था सभी विभाग राजद के कोटे में जाने की सम्भावना हैं।
राजद के तरफ से निम्न लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली:-
हसनपुर विधायक तेजप्रताप यादव (यादव), उजियारपुर से विधायक आलोक मेहता (कुशवाहा), नोखा से विधायक अनिता देवी, फतुहा से विधायक रामानंद यादव (यादव), बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव (यादव), बोधगया से विधायक कुमार सर्वजीत (जाटव), मधुबनी से विधायक समीर कुमार महासेठ, जोकीहाट से विधायक मोहम्मद शाहनवाज (मुस्लिम), मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर (यादव), कार्तिकेय मास्टर, कांटी से विधायक इसराइल मंसूरी (मुस्लिम), रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह (राजपूत), नरकटिया से विधायक शमीम अहमद (मुस्लिम), गरखा से विधायक सुरेंद्र राम (जाटव), साथ ही जिंतेंद्र राय और ललित यादव को मंत्री बनाया गया हैं.
जदयू कोटे से मंत्री:
जेडीयू में सरायरंजन से विधायक विजय चौधरी (भूमिहार), चैनपुर से विधायक जमा खान (मुस्लिम), अमरपुर से विधायक जयंत राज (कुशवाहा), भोरे से विधायक सुनील कुमार (जाटव), सुपौल से विधायक विजेंद्र यादव (यादव), एमएलसी संजय झा (ब्राह्मण), एमएलसी अशोक चौधरी (पासी), नालंदा से विधायक श्रवण कुमार (कुर्मी), धमदाहा से विधायक लेसी सिंह (राजपूत), बहादुरपुर से विधायक मदन सहनी (मछुआरा) और फुलपरास से विधायक शिला मंडल(धानुक) को मंत्री बनाया गया है।
कांग्रेस, हम और निर्दलीय सुमित सिंह ने भी ली शपथ:
वहीं, कांग्रेस में चेनारी से विधायक मुरारी गौतम (दलित) और कस्बा से विधायक अफाक अहमद (मुस्लिम) को मंत्री पद दिया गया है. जीतन राम मांझी की पार्टी हम की ओर से संतोष मांझी को मंत्री बनाया गया है. जबकि चकाई विधानसभा से निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह (राजपूत), जिनके दिवंगत पिता नरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री के पुराने सहयोगी रहे थे, पिछली सरकार में मंत्री बनाए गए थे, उन्होंने भी शपथ ली।
कैबिनेट में सीपीआई-एमएल, सीपीआई और सीपीएम को जगह नहीं मिल पाई है, हालांकि ये भी महागठबंधन के घटक दल हैं।