बक्सर में नव दिवसीय चल रहे सनातन संस्कृति समागम में आज अंतराष्ट्रीय संत सम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें भारत और भारत से बाहर के भी संत महात्माओं का आगमन हुआ.जिसमें प्रसिद्ध रामकथा वाचक स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज, अयोध्या से पधारे रामविलास वेदांती जी महाराज, संत और पर्यावरणविद चिरानंद स्वामी सहित अन्य जगहों से सन्त समाज का आगमन लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज की अगुवाई में हुआ.
वही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत इस कार्यक्रम में विशेष आकर्षण का केंद्र रहे. मंच का संचालन करते हुए श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने बक्सर की धरती को राम के जन्म से जोड़ते हुए बताया कि राम शब्द जिसके साथ लग गया वह धन्य हो गया .वही प्रसिद्ध कथा वाचक स्वामी रामभद्राचार्य जी ने मोहन भागवत से अपील कि वे गौ को राष्ट्रमाता दिलाने ,अखण्ड भारत निर्माण, ज्ञानवापी सहित मथुरा में भगवान श्री कृष्ण को विराजमान करने के साथ बक्सर में भी राम कॉरिडोर की स्थापना में सरकार से मदद की मांग की और उन्होंने बताया कि यह वही बक्सर हैं जहाँ से भगवान राम ने मारीच को अपने बाण से मारा और वह जहाँ जाकर गिरा वह जगह मारिचशीर्ष जो आज आधुनिक मॉरीशस के नाम से प्रसिद्ध हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने मंच को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमे सबसे पहले अपने कर्मो की प्रधानता देनी चाहिए और राष्ट्र एकजुट कैसे हो ,इसका स्वच्छ निर्माण कैसे किया जाए इसपर हमे कोशिश करने की जरूरत है. आगे उन्होंने कहा कि राममनोहर लोहिया ने राम और कृष्ण पर अपने विचारों में बताया था कि राम ने उत्तर से दक्षिण को भारत से जोड़ा तो वही कृष्ण ने पूरब से पश्चिम तक भारत को एकजुट रहने का संदेश दिया है.भागवत ने कहा कि विजय का विश्वास हमेशा मन मे सजो कर कर्तव्य करने की जरूरत हैं. उन्होंने दिनकर को याद करते हुए कहा कि अब याचना नही रण होगा.हमे तैयार होना होगा सब अपने आप हो जाएगा.
कार्यक्रम के अंत मे केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भगवान राम के वृहद मूर्ति स्थापित करने की भी बात कही और रामराज्य में सबको सहयोगी बनने की अपील की.