बिहार के राजनीतिक उथल पुथल के बाद भाजपा अपने को मजबूत करने में पूरे जोरो शोर से लगी हैं या यूं कहें कि पार्टी ने अभी से ही 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर कमर कसने की तैयारी में लग गई हैं।
आज भाजपा के संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया गया जिसमें पार्टी के दिग्गज नेता मौजूद थे । पार्टी के तरफ से कई नए चेहरों को जगह मिली हैं तो कई बड़े दिग्गजो को बाहर का रास्ता भी देखना पड़ा हैं जिसमे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं मुख्य हैं। नए सदस्यों के रूप में बीएस यदुरप्पा, सुधा सिंह यादव,एकबाल सिंह लालपुरा,सर्वानल सोनवाल, के लक्ष्मण को संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया हैं वही बीएल संतोष केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सचिव होंगे। आपको बताते चले कि पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा संसदीय बोर्ड के नए सदस्यों का गठन किया गया हैं। सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृह मंत्री अमित शाह,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इत्यादि शामिल हैं।
बीजेपी में संसदीय बोर्ड नीति निर्धारण संबंधी सबसे प्रमुख और शक्तिशाली इकाई हैं। बीजेपी ने इसके अलावा नई चुनाव समिति का भी गठन किया है जिसमें शैयद शहनवाज हुसैन का नाम शामिल नहीं हैं। चुनाव समिति में कुल 15 लोगो को जगह दी गई हैं जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृहमंत्री अमित शाह के अलावा देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को भी शामिल किया गया हैं।
इन दोनों नई लिस्ट के राजनीतिक रूप से बड़े मायने हैं। एक तरफ महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले देवेंद्र फडणवीस के कद को बढ़ाया गया हैं तो वही नितिन गडकरी को संसदीय बोर्ड में शामिल न करना एक बड़ा मायने रखता है। दूसरी तरफ कर्नाटक की राजनीति को भी बीजेपी ने साधने की कोशिश की है यहाँ से बीएस यदुरप्पा को बीजेपी ने संसदीय बोर्ड में शामिल किया हैं। सबसे बड़ा झटका बिहार सरकार में बीजेपी से मंत्री रह चुके शहनवाज़ हुसैन को लगा है जहाँ उनको चुनाव समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
अब देखना यह होगा कि भाजपा के इस अंदरूनी बदलाव से पार्टी को कितना लाभ मिलता हैं।