राष्ट्रीय – News https://theloksamvad.com Hindi News Portal in Bihar Wed, 09 Oct 2024 11:54:55 +0000 en-US hourly 1 title of news https://theloksamvad.com/title-of-news/ https://theloksamvad.com/title-of-news/#respond Wed, 09 Oct 2024 11:54:47 +0000 https://theloksamvad.com/?p=3786 description of news

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सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया https://theloksamvad.com/supreme-court-justifies-10-reservation-for-general-category/ https://theloksamvad.com/supreme-court-justifies-10-reservation-for-general-category/#respond Mon, 07 Nov 2022 08:40:00 +0000 https://techbuyhelp.com/theloksamvad.com/?p=3592 सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया है। कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 10% EWS कोटा को 3-1 से सही ठहराया. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया. वहीं CJI यू यू ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट ने असहमति जताई.

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला के बहुमत के अनुसार, आर्थिक मानदंडों के आधार पर आरक्षण संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन नहीं करता है.यह भी माना है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण 50% आरक्षण की सीमा का उल्लंघन संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है.

जस्टिस माहेश्वरी के बहुमत के फैसले ने कहा, “आरक्षण राज्य द्वारा सकारात्मक कार्रवाई का एक साधन है ताकि सभी समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके. यह न केवल सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को शामिल करने के लिए एक साधन है। ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण 50% की उच्चतम सीमा के कारण बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है.”

उन्होंने कहा कि “50% के उल्लंघन की अनुमति देने से विभाजन होगा। समानता के अधिकार का नियम आरक्षण का अधिकार बन जाएगा जो हमें वापस चंपकम दोरैराजन में ले जाएगा.” पूरा मामला याचिकाओं ने संविधान (103वां) संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को चुनौती दी थी। जनवरी 2019 में संसद द्वारा पारित संशोधन के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में खंड (6) को सम्मिलित करके नौकरियों और शिक्षा में आर्थिक आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया था। नव सम्मिलित अनुच्छेद 15(6) ने राज्य को शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सहित नागरिकों के किसी भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान करने में सक्षम बनाया। इसमें कहा गया है कि इस तरह का आरक्षण अनुच्छेद 30 (1) के तहत आने वाले अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को छोड़कर निजी संस्थानों सहित किसी भी शैक्षणिक संस्थान में किया जा सकता है, चाहे वह सहायता प्राप्त हो या गैर-सहायता प्राप्त. इसमें आगे कहा गया है कि आरक्षण की ऊपरी सीमा दस प्रतिशत होगी, जो मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगी.

तत्कालीन सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह 5 अगस्त, 2020 को मामलों को संविधान पीठ को भेज दिया था.

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मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में छोड़ें गए आठ चीते https://theloksamvad.com/eight-cheetahs-left-in-the-presence-of-prime-minister-narendra-modi-at-kuno-national-park-in-madhya-pradesh/ https://theloksamvad.com/eight-cheetahs-left-in-the-presence-of-prime-minister-narendra-modi-at-kuno-national-park-in-madhya-pradesh/#respond Sat, 17 Sep 2022 09:47:04 +0000 https://techbuyhelp.com/theloksamvad.com/?p=3519 भारत मे 1952 में ही चीता( जीनस एसिनोनीक्स) को लुप्तप्राय घोषित कर दिया गया था  उसके बाद लगभग भारत के किसी भी हिस्से में उसके देखे जाने की खबर नही मिली जिसके बाद ‘प्रोजेक्ट चीता ‘के तहत दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया से भारत मे आठ चीते लाए गए हैं जिनमें पांच मादा और तीन नर हैं.

‘प्रोजेक्ट चीता’ भारत के वन्य जीवन में विविधता लाने के लिए सरकार की कोशिशों का एक अहम हिस्सा हैं जिसके तहत यह कार्य किया गया हैं.

इन आठो चीतो को कार्गो एयरक्राफ्ट के जरिए ग्वालियर एयरपोर्ट पर लाया गया जहाँ से इन्हें वायु सेना के हेलीकॉप्टर से कुनो नेशनल पार्क में लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इन्हें छोड़ा गया.

क्यो हैं ये खास:

चीता शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द चित्रकायः से हुई है जो हिंदी चीता के माध्यम से आई है और जिसका अर्थ होता है बहुरंगी शरीर वाला .यह ‘एसीनोनिक्स ‘ प्रजाति के अंतर्गत रहने वाला एकमात्र जीवित सदस्य है, जो कि अपने पंजों की बनावट के रूपांतरण के कारण पहचाने जाते हैं. इसी कारण, यह इकलौता है जिसके पंजे बंद नहीं होते हैं और जिसकी वजह से इसकी पकड़ कमज़ोर रहती है (अतः वृक्षों में नहीं चढ़ सकता है हालांकि अपनी फुर्ती के कारण नीची टहनियों में चला जाता है).ज़मीन पर रहने वाला ये सबसे तेज़ जानवर है जो एक छोटी सी छलांग में 120 कि॰मी॰ प्रति घंटे तक की गति प्राप्त कर लेता है और 460 मी. तक की दूरी तय कर सकता है . मात्र तीन सेकेंड के अंदर ये अपनी रफ्तार में 103 कि॰मी॰ प्रति घंटे का इज़ाफ़ा कर लेता है, जो अधिकांश सुपरकार की रफ्तार से भी तेज़ है।हालिया अध्ययन से ये साबित हो चुका है कि धरती पर रहने वाला चीता सबसे तेज़ जानवर है.

हालांकि इनकी वृद्धि के लिए कुनो नेशनल पार्क में इन्हें छोड़ा गया हैं. इन चीतो की 24/7 मॉनिटरिंग के लिए उनमें रेडियो कॉलर लगाए गए हैं जिनसे इनकी मॉनिटरिंग में आसानी होगी.

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विश्व हिंदी दिवस पर अनुमंडल कार्यालय बक्सर में हुआ विशेष कार्यक्रम, हिंदी भाषा को समृद्ध करने पर हुई चर्चा https://theloksamvad.com/special-program-held-in-subdivision-office-buxar-on-world-hindi-day-discussion-on-enriching-hindi-language/ https://theloksamvad.com/special-program-held-in-subdivision-office-buxar-on-world-hindi-day-discussion-on-enriching-hindi-language/#respond Wed, 14 Sep 2022 18:03:35 +0000 https://techbuyhelp.com/theloksamvad.com/?p=3512 विश्वभर में हिंदी भाषियों के द्वारा आज को विशेष दिन के तौर पर मनाया जाता हैं .हिंदी न सिर्फ़ भारत में ही बोली जाती हैं बल्कि अन्य देशों जैसे इग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के कई देशों में भी इस भाषा को बोलने वालो कि अच्छी खासी संख्या हैं.

हिंदी भाषा का विकास -:

हिंदी भाषा के विकास का इतिहास लंबा हैं. भाषाविद 1000 ई से आधुनिक भारतीय भाषा का इतिहास मानते हैं.प्रसिद्ध कवि राहुल सांकृत्यायन ने भी हिंदी का विकास 1000 ई माना है.हिंदी भी आधुनिक आर्य भाषा हैं जिसका जन्म संस्कृत, पालि, प्राकृत से होते हुए अपभ्रंश से हुआ है.सम्भवतः प्राकृत की अंतिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिंदी भाषा का आविर्भाव मन जाता हैं.कुछ विद्वानों ने अपभ्रंश और हिंदी के बीच अवहट्ट भाषा की स्थिति बताई है।विद्वान कवि चन्द्रधर शर्मा ने अवहट्ट को पुरानी हिंदी नाम दिया हैं.

हिंदी पत्र-पत्रिकाओं का भी हिंदी के विकास में अहम योगदान रहा हैं. 30 मई 1826 को प.युगल किशोर ने ‘उदंत मार्त्तण्ड’ नामक पत्र कलकत्ता से हिंदी भाषा में प्रकाशित किया.इन्हें हिंदी पत्रकारिता का जन्मदाता माना जाता है.इसके बाद बंगदूत, प्रजामित्र,बनारस अखबार,समाचार सुधावर्षण आदि पत्रिकाओं ने भी हिंदी के विकास में अहम भूमिका निभाई.

हिंदी दिवस की खास बातें-:

-14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 से अनुच्छेद 351 के रूप में जो क़ानून बना उसमें हिंदी को राष्ट्रभाषा नही राजभाषा का दर्जा मिला.

– तभी 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई

-1960 के दशक में गैर हिंदी भाषी राज्यो में हुई कई हिंसक झड़पो के बाद देश की संसद ने देश की एक राष्ट्रभाषा के विचार को त्याग दिया.

-पिछली जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि भारत के 43.63 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं.

वही आज हिंदी भाषी क्षेत्रों मे बड़े धूमधाम से हिंदी दिवस मनाया गया. बक्सर में अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा की उपस्थिती में कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें ” वर्तमान परिप्रेक्ष्य-हिंदी की प्रासंगिकता “विषय पर विचार गोष्ठी रखी गई .अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा  ने बताया कि हिंदी को हमे मुख्य भाषा के रूप मे रखने की जरूरत हैं और इसे हमेशा बोलचाल में शुद्धता रखने से उसका स्पष्ट अर्थ हम समझ पाएंगे साथ ही इसका विकास भी होगा.आनेवाली पीढ़ियों को भी इसको समझने में मदद मिलेगी.

कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी बक्सर दीपचंद जोशी ने भी हिंदी की प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रस्तुत किए.कार्यक्रम में सभी कार्यालय कर्मी मौजूद थे .

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“भारत माता की जय” के नारों से गुंजयमान हुआ पूरा देश ,मना रहा हैं आजादी का अमृतमहोत्सव(Azadi Ka Amrit Mahotsav) https://theloksamvad.com/the-whole-country-is-resonating-with-the-slogans-of-bharat-mata-ki-jai/ https://theloksamvad.com/the-whole-country-is-resonating-with-the-slogans-of-bharat-mata-ki-jai/#respond Sun, 14 Aug 2022 18:12:07 +0000 https://techbuyhelp.com/theloksamvad.com/?p=3401 आज पूरा देश तिरंगे के रंग में रंग गया। पूरब से लेकर पश्चिम और दक्षिण से लेकर उत्तर तक पूरा भारतवर्ष देशभक्ति के गीत और नारों से गुंजयमान रहा। भारत अपने आजादी का 75 वाँ वर्षगांठ मना रहा हैं जिसे आजादी का अमृत महोत्सव नाम दिया गया हैं । प्रधानमंत्री के आह्वान हर घर तिरंगा का नारा दिया गया है जो देश के हरेक जगहों पर स्कूल,कॉलेज, सरकारी एवम निजी दफ्तरों और घरों पर तिरंगा झंडा फहराया जा रहा हैं और इस 75 वें साल को यादगार बनाया जा रहा हैं।

“आजादी के आंदोलन के इतिहास की तरह ही,आजादी के बाद 75 वर्षों की यात्रा,सामान्य भारतीयों के परिश्रम,इनोवेशन, उद्दम-शीलता का प्रतिबिंब हैं।हम भारतीय देश में रहे हो या विदेश में हमने अपनी मेहनत से खुद को सबित किया हैं हमे गर्व हैं हमारे संविधान पर। हमे गर्व हैं हमारी लोकतांत्रिक परम्पराओं पर। लोकतंत्र की जननी भारत आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है। ज्ञान विज्ञान से समृद्ध भारत आज मंगल से लेकर चंद्रमा तक अपनी छाप छोड़ रहा हैं”
श्री नरेंद्र मोदी
भारत के प्रधानमंत्री

 

यह भव्य उत्सव 12 मार्च 2021 से आरंभ है जो 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगा । 31 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में सभी देशवासियों से अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल चित्र को भारत के ध्वज के साथ बदलने का आग्रह भी किया।

भारत सरकार ने एक अभियान के तहत हर घर तिरंगा जहाँ सब्सिडी के तौर पर कम शुल्क में राष्ट्रीय ध्वज वितरण की सुविधा प्रदान कर रहा हैं जिससे सभी लोग इसमें अपनी भागीदारी दे सकें।

“द लोक संवाद(The Lok samvad) ” भी आपसे आग्रह कर रहा हैं कि इस राष्ट्र महोत्सव में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें और इस राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।

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